तीसरे चरण के संक्रमण से बचने के लिए कितना तैयार है भारत

इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक कोरोना वायरस का संक्रमण भारत में दूसरे स्तर पर है.


मतलब ये कि फ़िलहाल संक्रमण उन्हीं लोगों तक फैला है जो संक्रमण वाले देशों से भारत आए या फिर उन लोगों में फैला जो संक्रमित लोगों के संपर्क में आए.


महामारी के चार चरण


आईसीएमआर के अनुसार कोरोना वायरस फैलने के चार चरण हैं.


पहले चरण में वे लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए जो दूसरे देश से संक्रमित होकर भारत में आए.


यह स्टेज भारत पार कर चुका है क्योंकि ऐसे लोगों से भारत में स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैल चुका है.


दूसरे चरण में स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैलता है, लेकिन ये वे लोग होते हैं जो किसी ना किसी ऐसे संक्रमित शख़्स के संपर्क में आए जो विदेश यात्रा करके लौटे थे.


तीसरा और थोड़ा ख़तरनाक स्तर है 'कम्युनिटी ट्रांसमिशन' का, जिसे लेकर भारत सरकार चिंतित है.


कम्युनिटी ट्रांसमिशन तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी ज्ञात संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना या वायरस से संक्रमित देश की यात्रा किए बिना ही इसका शिकार हो जाता है.


पिछले दो सप्ताह में जितनी बार भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रेस वार्ता की है, उसमें इस बात पर विशेष ज़ोर दिया गया है कि भारत में अभी तीसरा चरण नहीं आया है.


और चौथा चरण होता है, जब संक्रमण स्थानीय स्तर पर महामारी का रूप ले लेता है.


माना जा रहा है कि तीसरे चरण में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या इतनी बढ़ जाएगी कि भारत के पास जितने लैब हैं उनमें सभी लोगों के टेस्ट पूरे नहीं किए जा सकते.


फिलहाल भारत सरकार के अनुसार देश में 70 से ज़्यादा टेस्टिंग यूनिट हैं जो आईसीएमआर के अंतर्गत काम कर रहे हैं.


आईसीएमआर के महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव के मुताबिक़ इस हफ़्ते के अंत तक क़रीब 50 और सरकारी लैब कोविड-19 की जाँच के लिए शुरू होंगे. कोविड-19 की जाँच के लिए भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से क़रीब दस लाख किट और माँगी हैं.


आईसीएमआर ने यह भी दावा किया है कि 23 मार्च तक भारत में दो ऐसे लैब तैयार हो जाएंगे जहाँ 1400 टेस्ट रोज़ हो सकेंगे. इससे तीन घंटे के भीतर कोविड-19 की जाँच की जा सकेगी.


इस तरह की कुछ अन्य मशीनें भी भारत सरकार ने विदेश से मंगवाई हैं. अमरीका और जापान के पास इस तरह की मशीने हैं जिनसे एक घंटे में कोविड-19 की जाँच की जा सकती है.